बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। अररिया में आयोजित वोटर अधिकार यात्रा के दौरान राजद नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि आज चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पूरी तरह खत्म हो चुकी है और यह संस्था भाजपा की “सेल” बनकर काम कर रही है। तेजस्वी यादव का कहना था कि अब गांव-गांव तक यह बात फैल चुकी है कि चुनाव आयोग जनता का भरोसा खो चुका है।
तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी के साथ कहा – “चुनाव आयोग अब ‘गोडी कमीशन’ बन गया है। हम दोनों इस यात्रा पर लोकतंत्र, संविधान और वोट देने के अधिकार को बचाने निकले हैं। लेकिन हकीकत यह है कि जमीन पर चुनाव आयोग की कोई विश्वसनीयता नहीं बची है।”
मृतक घोषित कर हटाए जा रहे जीवित मतदाता
तेजस्वी यादव ने बिहार में मतदाता सूची की स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए। उनका आरोप है कि कई जिंदा मतदाताओं को मृतक दिखाकर उनकी नामावली से काट दिया गया है। उन्होंने कहा कि लगभग हर बूथ से करीब 50 नामों को इस तरह हटाया जा रहा है। तेजस्वी ने दावा किया कि इसका सबूत सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत किया जा चुका है, जहां जिंदा लोगों को मृत दिखाकर वोटर लिस्ट से बाहर किया गया है।
पीएम मोदी पर भी कड़ा पलटवार
तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाल ही में गया जी में दिए गए भाषण पर भी करारा पलटवार किया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा था कि “घुसपैठिए देश के लिए खतरा हैं और बिहार की जनसंख्या संरचना बदल रहे हैं।” इस पर तेजस्वी ने कहा कि चुनाव आयोग के पास “घुसपैठिए” जैसी कोई श्रेणी ही मौजूद नहीं है।
तेजस्वी ने आरोप लगाया – “अफवाह फैलाने में प्रधानमंत्री से बेहतर कोई नहीं है। पीएम ने कहा कि चुनाव आयोग घुसपैठियों को हटाने पर काम कर रहा है, जबकि चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में जो हलफनामा दिया है उसमें कहीं भी घुसपैठियों का जिक्र नहीं है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस भाषण में भी घुसपैठियों को लेकर चिंता जताई थी और कहा था कि “देश की जनसांख्यिकी बदल रही है और एनडीए सरकार गैरकानूनी घुसपैठियों को देश का भविष्य तय करने नहीं देगी।”
लोकतंत्र बचाने की लड़ाई
तेजस्वी यादव और राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा बिहार की राजनीति में विपक्ष की ओर से लोकतंत्र बचाने की लड़ाई के तौर पर देखी जा रही है। दोनों नेताओं ने साफ कहा कि यह सिर्फ चुनाव की जंग नहीं है, बल्कि जनता के वोट के अधिकार और संविधान को बचाने की जंग है।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी नेताओं के बयानों और समाचार रिपोर्टों पर आधारित है। हमारा उद्देश्य केवल जानकारी साझा करना है, न कि किसी राजनीतिक दल या विचारधारा का समर्थन या विरोध करना।
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