लालू प्रसाद यादव का तंज: "मोदी करेंगे नीतीश की राजनीति का पिंडदान"

 बिहार की सियासत में गर्मी लगातार बढ़ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गया दौरे से ठीक पहले राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने ऐसा बयान दिया जिसने पूरे राजनीतिक माहौल में हलचल मचा दी। लालू यादव ने व्यंग्य कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी गया जी आकर नीतीश कुमार की राजनीति और उनकी पार्टी का पिंडदान करेंगे।

लालू का तंज: मोदी करेंगे नीतीश की राजनीति का ‘पिंडदान’

"पिंडदान" वाले तंज से गरमाई सियासत

लालू यादव ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा करते हुए प्रधानमंत्री पर "वोट चोरी" का आरोप लगाया और कहा कि बिहार में अपराध, बेरोजगारी और पलायन जैसे मुद्दों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। गया जी, जो हिंदू धर्म में पूर्वजों के लिए पिंडदान का सबसे पवित्र स्थल माना जाता है, अब राजनीति में भी प्रतीक बन गया है। लालू ने इसे नीतीश कुमार की राजनीति के अंत से जोड़ दिया।

प्रशांत किशोर का सवाल: "लाभ किसे?"

"न जेल से सरकार, न अपराधियों की राजनीति – प्रशांत किशोर"

इधर, जन सुराज अभियान के संस्थापक प्रशांत किशोर ने भी प्रधानमंत्री के इस दौरे पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मोदी जी पिछले कुछ महीनों में तीन बार बिहार आ चुके हैं, लेकिन हर बार करोड़ों रुपए खर्च होने के बावजूद बेरोजगारी, पलायन और शिक्षा जैसे असली मुद्दों पर बात नहीं हो रही। किशोर ने पूछा कि कब तक बिहार के युवा मज़दूरी करने गुजरात जाते रहेंगे और कब राज्य की तस्वीर बदलेगी?

पीएम मोदी की घोषणाएँ और विकास योजनाएँ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने इस दौरे में करीब 13,000 करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे। इनमें गया से दो नई ट्रेनों का उद्घाटन और बिहार के लिए बेहद अहम औंटा-सिमरिया पुल परियोजना भी शामिल है।

गंगा नदी पर बना यह 1.86 किलोमीटर लंबा 6-लेन का नया पुल पुराने "राजेंद्र सेतु" के समानांतर तैयार किया गया है, जो अब जर्जर हो चुका है। इस पुल के शुरू होने से उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी और भारी वाहनों को 100 किलोमीटर तक का चक्कर लगाने से राहत मिलेगी।

राजनीति और विकास के बीच जनता की उम्मीदें

बिहार की राजनीति में बयानबाज़ी, व्यंग्य और आरोप-प्रत्यारोप आम बात हैं। लेकिन असली सवाल वही हैं जो हर बार जनता पूछती है—क्या बेरोजगारी कम होगी? क्या पलायन रुकेगा? क्या बिहार के बच्चों को रोजगार और बेहतर भविष्य यहीं मिलेगा? प्रधानमंत्री के इस दौरे से एक ओर जहां विकास की घोषणाओं की उम्मीदें हैं, वहीं लालू यादव और प्रशांत किशोर जैसे नेताओं के सवालों ने बहस को और गरमा दिया है।


अस्वीकरण: यह लेख समाचार रिपोर्ट्स और नेताओं के सार्वजनिक बयानों के आधार पर लिखा गया है। इसमें व्यक्त विचार संबंधित नेताओं के हैं, लेखक या प्रकाशन की आधिकारिक राय नहीं।

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